मै कौन हूँ?
मै मन, बुद्धि, अहँकार और चित्त नहीं हूँ। न ही पञ्च ज्ञानेन्द्रिय हूँ और न ही पञ्च महाभूत॥
न तो प्राण-शक्ति हूँ न ही पञ्च वायु न तो सात धातु और नही पञ्च कोश हूँ। पञ्च कर्मेन्द्रिय भी नहीं हूँ ॥
मुझ मे राग, द्वेष, लोभ, मोह, मद एवं मात्सर्य नहीं हैं। न ही चतुर्विध पुरुषार्थ र्है॥
मै पुण्य एवं पाप तथा सुख एवं दुःख से रहित हूँ, न ही मैं मन्त्र,तीर्थ, वेद एवं यज्ञ हूँ और न ही भोजन,भोज्य या भोक्ता हूं॥
न मुझे मृत्यु का भय है न जाति भेद, मेरा न तो कोई पिता है और न ही काई माता क्योंकि मै जन्म-रहित हूँ।
मेरा न कोई बन्धू है और न ही कोई मित्र, न कोई मेरा गुरू है और न मैं किसी का शिष्य हूँ॥
मैं निर्विकल्प, निराकार,विचारविमुक्त सब इन्द्रियों से पृथक हूँ। न मैं कल्पनीय हूं, न आसक्ति हूँ और न ही मुक्ति हूँ॥
अरे! तो पहचान कौन?
चिदानन्दरूपः शिवोऽहं शिवोऽहं
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